Friday, December 29, 2017

केन्द्रक (nucleus) की संरचना
Structure of Cell Nucleus
Source: www.lh3.googleusercontent.com
केन्द्रक के निम्नलिखित चार भाग होते हैं:
- केन्द्रक-कला (Nuclear membrane)
- केन्द्रक-द्रव्य (Nucleoplasm or nuclear sap)
- केंद्रिका (Nucleolus)
- क्रोमैटिन धागे (Chromatin threads)
(i) केन्द्रक-कला (Nuclear membrane)
What is nuclear membrane
Source: www.qsstudy.com
यह प्लाज्मा झिल्ली की भांति दोहरी झिल्ली की बनी होती है एवं केन्द्रक के चारों ओर एक आवरण बनाती है. प्रत्येक झिल्ली लाइपोप्रोटीन से बनी एक इकाई कला होती है. प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में केन्द्रक-कला या तो अविकसित होती है या होती ही नहीं. प्लाज्मा झिल्ली की तरह केन्द्रक झिल्ली वरणात्मक पारगम्य होती है. यह केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियन्त्रित करती है.
(ii) केन्द्रक-द्रव्य (Nucleoplasm or nuclear sap)
What is nucleoplasm of the cell
Source: www.2.bp.blogspot.com
केन्द्रक के मैट्रिक्स को केन्द्रकद्रव्य या केन्द्रक रस या कैरियोलिम्फ कहते है. यह न्यूक्लियोप्रोटीन का बना पारदर्शी, कोलायडी, तरल पदार्थ होता है जो केन्द्रक-कला से घिरा रहता है. इसमें केन्द्रिका और क्रोमैटिन धागे के अतिरिक्त, एंजाइम, खनिज लवण, आर.एन.ए, राइबोसोम आदि पाए जाते हैं.
What is nucleolus of the cell
Source: www.images.tutorvista.com
केन्द्रिका की खोज सर्वप्रथम फोन्टाना ने 1781  में की, तत्पश्चात बोमेन ने 1840 में इसे न्यूक्लिओलस नाम दिया. केन्द्रक के अंदर एक या दो केन्द्रिकाएं होती हैं. ये किसी झिल्ली के अभाव में सीधेकेन्द्रकद्रव्य के सम्पर्क में रहती है. केन्द्रिकाएं प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में नहीं पाई जाती हैं तथा कोशिका विभाजन के समय गायब हो जाती है. केन्द्रिका में प्रोटीन (85%), आर.एन.ए (10%) तथा डी.एन.ए (5%) होता है.
(iv) क्रोमैटिन धागे (Chromatin threads)
What are chromatin threads in the nucleus of cell
Source: www.images.slideplayer.com
ये धागे एक-दूसरे के ऊपर फैलकर एक जाल सद्रश रचना बना लेते हैं जिसे क्रोमैटिन जालिका (Chromatin reticulum) कहते हैं, परन्तु यह वास्तविक जाल नहीं होता, क्योंकि प्रत्येक क्रोमैटिन धागे एक-दूसरे से प्रथक हो जाते हैं और सिकुड़कर छोटे व मोटे हो जाते हैं, इन्हें गुणसूत्र (chromosome) कहते हैं.
केन्द्रक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग क्रोमैटिन हैं, जो रसायनिक द्रष्टि से एक न्यूक्लियोप्रोटीन है, अर्थार्त जो न्यूक्लिक अम्ल और क्षारीय प्रोटीन के मिश्रण से बना है. क्षारीय प्रोटीन विशेष रूप से हिस्टोन (histone) है जो क्षारीय ऐमिनो अम्ल से बना होता है.
कोशिका केन्द्रक के कार्य
What is the function of nucleus
Source: www.amazonaws.com
- यह एक जीव के वंशानुगत लक्षणों को नियंत्रित करता है. यह कोशिकांग प्रोटीन संश्लेषण, कोशिका विभाजन, विकास आदि के लिए भी उत्तरदायी है.
- न्यूक्लियोलस में प्रोटीन और आरएनए (राइबोन्यूलिक एसिड) का संचयन करता है.
- केन्द्रक में प्रतिलेखन भी होता है जिसमें मैसेंजर आरएनए (mRNA) प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्पन्न होते हैं.
- आनुवंशिक सामग्री का संचयन करता है जिसमें लंबे और पतले डीएनए (डीऑक्सीरिबोन्यूक्लिक एसिड) के रूप में जीन, जिसे क्रोमैटिन भी कहा जाता है.
- केन्द्रक और शेष कोशिकाओं के बीच वंशानुगत अणुओं (डीएनए और आरएनए) का एक्सचेंज करता हैं.
- कोशिका विभाजन के दौरान, केन्द्रक में वर्णसूत्रों में क्रोमेटिन की व्यवस्था की जाती है.
- न्यूक्लियोलस में राइबोसोम (प्रोटीन फ़ैक्टरी) का उत्पादन भी होता है.
- परमाणु छिद्रों के माध्यम से विनियामक कारकों और ऊर्जा अणुओं का चयन परिवहन करता है.
जैसा कि केन्द्रक जीन और जीन अभिव्यक्ति की अखंडता को नियंत्रित करता है, इसलिए इसे कोशिका का नियंत्रण केंद्र भी कहा जाता है. केन्द्रक में क्रोमोसोम, डीएनए, जीन आदि जैसे जीवों की सभी आनुवंशिक सामग्री होती है. यह कोशिका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.

विज्ञान

  • कोशिकीय केन्द्रक (Cell Nucleus) की संरचना एवं कार्य

    केन्द्रक को कोशिका का नियंत्रण केंद्र भी कहा जाता है. यह कोशिका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसमें कोशिका की वंशानुगत जानकारी होती है और कोशिका के विकास और प्रजनन को नियंत्रित भी करता है. इस लेख में कोशिका केन्द्रक, उसकी संरचना और कार्य के बारे में अध्ययन करेंगे.
  • pH में परिवर्तन का पौधों एवं जंतुओं पर प्रभाव

    हमारे दैनिक जीवन की कई गतिविधियों में pH महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यदि किसी घोल में हाइड्रोजन आयनों की एकाग्रता ज्यादा होती है तो उस घोल का pH मान कम होता है. किसी भी घोल का pH यह बताता है कि वह अम्लीय है या नहीं इसलिए, हम यह कह सकते हैं कि पौधों और जंतुओं के अस्तित्व के लिए pH का सही अनुपात में होना महत्वपूर्ण है. इस लेख के माध्यम से यह अध्ययन करेंगे कि pH में परिवर्तन का पौधों एवं जंतुओं पर क्या प्रभाव पढ़ता है.
  • राइबोसोम (Ribosome) की संरचना एवं कार्य

    राइबोसोम सभी जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं, ये अन्त:प्रद्व्यी जालिका से जुड़े रहते हैं. ये माइटोकॉन्ड्रिया, हरित लवक एवं केन्द्रक में भी पाए जाते हैं. ये प्रोटीन संश्लेषण नामक प्रक्रिया में अमीनो एसिड से प्रोटीन को बनाते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से राइबोसोम, उसके कार्य, संरचना आदि के बारे में अध्ययन करते हैं.
  • जीवाणुओं का आर्थिक महत्व क्या हैं

    जीवाणु सबसे सरल, अतिसूक्ष्म तथा एक कोशीय (unicellular), आद्य (primitive) जीव है. जीवाणुओं का पता सर्वप्रथम एंटोनी वॉन ल्यूवेन्हॉक (1683) ने लगाया था. इनको जीवाणु विज्ञान का जनक (father of bacteriology) कहा जाता है. आइये इस लेख के मध्याम से जानतें है कि जीवाणु या बैक्टीरिया का आर्थिक महत्व क्या है, कैसे ये हमारे लिए लाभकारी होते है, इनका उपयोग कहा-कहा किया जा सकता है आदि.
  • जानें रोबोटिक मशीन का नौकरियों पर क्या प्रभाव होगा?

    इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रौद्योगिकी ने उत्पादकता के स्तर को बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे जीवन में काफी सुधार हुआ है. लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रौद्योगिकी का उपयोग अब तक मनुष्य द्वारा प्रतिपादित होने वाले कार्यों में किया जाएगा. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं की रोबोटिक मशीन के आने से नौकरियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
  • विषाक्त भोजन (Food Poisoning) से होने वाली बीमारियां

    विषाक्त भोजन या फूड पोइज़िनिंग खाने में मिलावट के कारण होती है और यह अकसर जगह बदलने से, खान-पान बदलने से हो सकती हैं. खाने में मिलावट का होना इसका मुख्य कारण है. आइये इस लेख से माध्यम से जानते है विषाक्त भोजन से होने वाली बीमारियों के बारे में.
  • आणविक आनुवंशिकी (Molecular Genetics) क्या है?

    आण्विक आनुवंशिकी, आणविक स्तर पर जीनों की संरचना और कार्य से संबंधित आनुवंशिकी का एक उपखंड है. आणविक शब्दों में, एक जीन एक कार्यात्मक प्रोटीन या RNA अणु के संश्लेषण के लिए आवश्यक अनुक्रम है पूरे डीएनए का. इस लेख में आण्विक आनुवंशिकी (Molecular Genetics) के बारे में अध्ययन करेंगे.
  • किडनी से संबंधित बीमारियों की सूची

    किडनी उत्सर्जन तंत्र का एक हिस्सा हैं और शारीर का महत्वपूर्ण अंग. किडनी या गुर्दे दो सेम के आकार वाले अंग हैं जो रक्त से अपशिष्ट चीजों को निकालता है, तरल पदार्थों का शारीर में संतुलन, मूत्र या यूरीन बनाता है और अन्य शारीर के मेताव्पूर्ण कार्यों में सहायता करता है. इस लेख के माध्यम से किडनी से सम्बंधित बिमारीयों के बारे में अध्ययन करेंगे.
  • दूरबीन का अविष्कार कैसे हुआ था?

    दूरबीन का अविष्कार 17 वीं सदी की शुरुआत में हॉलैंड के मिडिलबर्ग शहर में रहने वाले एक चश्मा व्यापारी के बेटे द्वारा खेल-खेल में किया गया था. इस व्यापारी का नाम हेंस लिपरशी (Hans Lippershey) था. टेलीस्कोप या दूरबीन एक ऐसा यंत्र जो दूर की चीजों को पास दिखाता है. दरअसल दूरबीन का अविष्कार संयोगवश हुआ था. इसके लिए हेंस लिपरशी ने कोई विशेष कोशिश या प्रयोगशाला नही बनायीं थी और ना ही हेंस लिपरशी कोई बहुत पढ़ा लिखा वैज्ञानिक था.
  • पृथ्वी पर 5 ऐसे स्थान जहां गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता हैं

    गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हम पृथ्वी पर चल पाते है अर्थात यह हर चीज़ को धरती की सतह से बांधे रखता है. परन्तु पृथ्वी पर कुछ ऐसे भी स्थान है जहां पर गुरुत्वाकर्षण बल शून्य हो जाता है और अजीब प्रकार की घटनाएं देखने को मिलती हैं. इस लेख के माध्यम से जानेंगे की ऐसी कौन सी जगह है जहां गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं करता है या फैल हो जाता हैं.
  • प्रेषण आनुवंशिकी (Transmission Genetics) क्या है?

    आनुवंशिक ट्रांसमिशन जीन से आनुवंशिक जानकारी का स्थानांतरण एक अन्य पीढ़ी (माता-पिता से लेकर वंश तक), लगभग आनुवंशिकता का पर्याय है. प्रेषण आनुवंशिकी की खोज कैसे हुई, यह क्यों महत्वपूर्ण है आदि के बारे में इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
  • जैव रासायनिक आनुवंशिकी क्या हैं

    जैव रासायनिक आनुवांशिकी, आनुवांशिकी की एक वह शाखा है जिसमें जीनों (genes) के रासायनिक संरचना और उसके तंत्र के बारे में पढ़ते है, जिसके द्वारा ही जीन का नियंत्रण, विनियमित और प्रोटीन का संश्लेषण होता है. इस लेख में जीन और जैव रासायनिक एंजाइम के कार्य के संबंध में और उनके नियंत्रण के बारे में अध्ययन करेंगे.
  • मानव शरीर में अमीनो एसिड के कार्य क्या हैं

    एमिनो एसिड का इस्तेमाल आपके शरीर के हर कोशिका में किया जाता है ताकी आप जीवित रह सके. सभी जीवों को कुछ प्रोटीन की आवश्यकता होती है, चाहे वे मांसपेशियां हो या फिर कोशिका. हमारे कोशिकाओं, मांसपेशियों और ऊतकों का एक बड़ा हिस्सा अमीनो एसिड का ही बना होता है, जिसका अर्थ है कि वे कई महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को पूरा करते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अमिनो एसिड या अमिनो अम्लों के कार्यों के बारें में अध्ययन करते हैं.
  • शून्य की खोज भारत में कब और कैसे हुई?

    शून्य, कुछ भी नहीं या कुछ नहीं होने की अवधारणा का प्रतीक है. आजकल शून्य का प्रयोग एक सांख्यिकीय प्रतीक और एक अवधारणा दोनों के रूप में जटिल समीकरणों को सुलझाने में तथा गणना करने में किया जाता है. इसके साथ ही शून्य कंप्यूटर का मूल आधार भी है. यह आलेख भारत में शून्य के आविष्कार से संबंधित है अर्थात इस आलेख में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भारत में शून्य का अविष्कार कैसे और कब हुआ था.
  • प्रोटीन और उनके कार्यों की सूची

    प्रोटीन सैकड़ों या हजारों छोटी इकाइयों से बने होते हैं जिन्हें अमीनो एसिड कहा जाता है. प्रोटीन हमारे कोशिकाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण अणु है, जो सभी जीवों के लिए आवश्यक घटक है. आइये इस लेख के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रोटीन और उनके कार्यों की सूची के बारे में अध्ययन करते हैं.
  • नैनो टेक्नोलॉजी: महत्व और इसके लाभ

    नैनो टेक्नोलॉजी वह अप्लाइड साइंस है, जिसमें 100 नैनोमीटर से छोटे पार्टिकल्स पर भी काम किया जाता है. ऐसा कहा जा रहा है कि भविष्य में हर तकनीक का आधार नैनो होगा. वर्तमान में भी हमारी रोजमर्रा की जरुरत की चीजों से लेकर मेडिसिन और बड़ी-बड़ी मशीनरी में नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है. आइये इस लेख के माध्यम से नैनो टेक्नोलॉजी के बारे में अध्ययन करते है.
  • अस्थि रोग (Diseases of Bone) क्या है और यह कितने प्रकार का होता है

    अस्थि रोग (Diseases of Bone) हड्डियों को प्रभावित करने वाली कोई भी बीमारी या चोट होती है और ये कई प्रकार की होती है जो मानव को प्रभावित करती है. इन बिमारियों के क्या परिणाम होते है और इन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है के बारे में इस लेख में अध्ययन करेंगे.
  • स्मोग क्या है और यह हमारे लिए कैसे हानिकारक है?

    स्मोग दो शब्दों अर्थात धुंए (स्मोक) और कोहरे (फॉग) से मिलकर बना है| जिसकी वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता है | यह एक पीला या काला कोहरा होता है जो वायु प्रदूषण के एक मिश्रण से बना है, जिसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर आक्साइड आदि गैसें होती है जो कि सूर्य के प्रकाश के साथ गठबंधन कर ओजोन का निर्माण करते हैं। इसमें हम पढेंगें कि स्मोग क्या है और यह हमारे लिए कैसे हानिकारक है ा
  • धन्यवाद
Hiii friends
This is my science education site.
Is site par aapko science ki sabhi jankari de jaygi

        :~Richa gupta